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About Samvet

‘समवेत’ पत्रिका हिंदी की समकालीन पत्रिकाओं में एक चर्चित नाम है। यह पत्रिका वर्ष 2013 से ही निरंतर प्रकाशित हो रही है। हिंदी की इस अर्द्धवार्षिक शोध पत्रिका के प्रथम अंक का विमोचन उदयपुर स्थित सिटी पैलेस के दरबार हॉल में आयोजित सार्क देशों के कुलपति सम्मेलन में तत्कालीन राज्यपाल महामहित मारग्रेट अल्वा के करकमलों से संपन्न हुआ।
आई.एस.एस.एन. अंक धारित यह पत्रिका वर्तमान में समकक्ष व्यक्ति समीक्षित अर्द्धवार्षिक शोध पत्रिका (Peer Reviewed Half Yearly Research Journal) के रूप में प्रकाशित हो रही है। पूर्व में यह पत्रिका यूजीसी द्वारा निर्धारित सूची में भी अपना स्थान रख चुकी है। उस सूची में इस पत्रिका का क्रम 47968 था। पत्रिका के अब तक के प्रकाशित अंकों में भारतीय भक्ति साहित्य विशेषांक’, ‘आदिवासी विमर्श विशेषांक’, ‘21वीं सदी के हिंदी उपन्यासों पर केन्द्रित विशेषांक’ और ‘फणीश्वरनाथ रेणु विशेषांक’ विशेष चर्चा में रहे हैं। राजस्थान सरकार के सहकारिता विभाग से ‘समवेत ध्वनि संस्थान’ के पंजीयन के साथ ही इस पत्रिका का प्रकाशन अब ‘समवेत ध्वनि संस्थान’ द्वारा किया जा रहा है। डॉ. नवीन नंदवाना के संपादन में प्रकाशित इस पत्रिका में देशभर के लेखकों के शोध आलेख प्रकाशित होते हैं, वहीं प्रसार के लिहाज से भी पत्रिका देशभर में अपनी पहचान रखती है।

About Samvet Dhwani Sansthan

‘समवेत ध्वनि संस्थान’ राजस्थान सरकार के सहकारिता विभाग से वर्ष 2018 में संस्था के रूप में पंजीकृत संस्थान है। इस संस्थान का उद्देश्य साहित्य और संस्कृति के प्रचार-प्रसार में अपना
योगदान देना है। इस निमित्त नियमित रूप से पत्रिका और पुस्तक प्रकाशन के साथ-साथ विविध संगोष्ठियों और संवादों का आयोजन करना संस्थान का प्रमुख उद्देश्य है। इसके अतिरिक्त संस्थान
के प्रमुख उद्देश्यों में शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण आदि विषयों को भी समाहित किया गया है। इस संस्थान का गठन और पंजीकरण इसके संस्थापक अध्यक्ष डॉ. नवीन नंदवाना के प्रयासों से संभव हो पाया। उनके संपादन में वर्ष 2013 से प्रकाशित हो रही ‘समवेत’ नामक अर्द्धवार्षिक शोध पत्रिका के प्रकाशन का कार्य वर्ष 2018 से संस्थान के माध्यम से किया जा रहा है।

इस संस्थान के संस्थापक सदस्यों और पदाधिकारियों के सहयोग से संस्थान अपने उद्देश्यों के अनुरूप प्रगति पथ पर अग्रसर है। संस्थान को श्री भरत व्यास और श्री शिवशंकर उपाध्याय जैसे अनुभवी को कर्मठ सहयोगियों का साथ और मार्गदर्शन मिल रहा है। संस्थान के सचिव पद का दायित्व श्री मनीष नंदवाना निभा रहे हैं, वहीं इस संस्थान के कोषाध्यक्ष श्री विशाल नंदवाना हैं।
संस्थापक सदस्यों के रूप में डॉ. हरिसिंह और श्री मनोहर लाल सोनी संस्थान से जुड़े हैं। डॉ. अखिलेश चास्टा, डॉ. कुश नंदवाना, श्री सुभाष नंदवाना और डॉ. सविता नंदवाना आदि भी संस्थान के
मागदर्शक और सहयोगी हैं।

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